चलिए अब मैं आपको मिस्र के कुछ बेहद प्रासिद्धजगहों को दिखाता हूँ।
1) घोड़ो एवं ऊंटों पर पर्यटन का अलग ही आनंद है वो भी तब जब आप एतिहासिक इमारतें देख रहे हों । ये तस्वीर गीज़ा के पिरामिड की है। ये एकलोता पिछले विश्व के सात आश्चर्यो में से एक है जोकि अभी भी अस्तित्व में है। साथ ही साथ ये विश्व के नए सात आश्चर्य में से भी एक है जिन्हें २००८ में जगह मिली थी।
2) स्फिंगक्स (एक कल्पित जन्तु जिसका शरीर सिंह का सा और मुंह स्त्री का सा होता है) : स्फिंगक्स
Cairo नील नदी के तट पर स्थित है। GREAT SPHINX विश्व की सबसे बड़ी मूर्ती है जोकि पत्थर की बनी हुई है। विशवास कीजिये के ये तीसरी शताब्दी BC (लगभग २५२० तथा २४९४ BC) के लगभग बनायीं गयी हैं।
3) Cairo का आकर्षण :- ये सुलतान हसन की मस्जिद है जोकि सुन १३५६ और १३६३ के मध्य में Mamelekus के शाशनकाल में बनाई गयी थी । ऐसा माना जाता है की इसमें प्रयोग हुए पत्थरों को गीज़ा के पिरामिड से लिया गया था।
4) ये मोहम्मद अली की मस्जिद है जिसे उन्ही के आदेश पर सन १८३० और १८४८ के मध्य में बनाया गया था। यह टर्किश मस्जिद १९वी शताब्दी के मध्य में बनायीं गयी सबसे बड़ी कब्र है।
5) इजिप्टियन संग्रहालय जोकि कैरो में स्थित है जिसमें मिस्र की सबसे ज्यादा प्राचीनतम चीज़ें हैं।
6) गिज़ा के पिरामिड के पीछे स्थित ओबेरॉय हाउस ।
8) MEYDUMA पिरामिड Cairo से ७० KM दूर दक्षिण में रेगिस्तान के किनारे स्थित है. यह पहला ऐसा मिस्र के पिरामिड है जिसे ज़मीन के उपर गाड़ा गया है. प्राचीन मिस्रवासियो की राय थी के अगर आदमी को जितना ज्यादा गाड़ा जायेगा वो उतना ही ज्यादा सूर्य देवता के नज़दीक होगा।
9) यह प्रसिद्द Alexandrian विज्ञान पुस्तकालय है जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है।
10) ये Horus का मंदिर है। Karnak के मंदिर के बाद ये मिस्र का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। इसे बेहद ही अच्छी तरह से संभालकर रखा गया है। यह मंदिर पर्वतो को समर्पित है।
11) यह लक्सर में स्थित Karnak मंदिर है। बेहद खूबसूरती से खड़े किये गए स्तंभ बेहद ही आकर्षक नज़र आते हैं।
12) लक्सर में स्थित Karnak मंदिर की दीवारे Pharaohs के बेहद ही आकर्षक चित्रों से सजाई गयी है। यह मंदिर ४० वर्षो तक Franco-Egyptian पुरातत्त्वविद् द्वारा अध्ययन किया गया।
मिस्र के राजवंश में सबसे लम्बी उम्र तक राज़ करने वाली महिला थी ।
15) Abu Simble का मंदिर जोकि २० साल में जाकर इस रूप में खड़ा हुआ। ( १२४४ से १२२४ BC)। इस मंदिर को UNESCO's की विश्व धरोहरों में शामिल किया गया है।