Thursday, October 28, 2010

पढेंगे तभी तो आगे बढ़ेंगे.........एक प्रयास है विश्वास आप देंगे साथ

क्या आप जानते हैं की भारत की साक्षरता दर अभी भी मात्र ६६ % ( २००१ की गणना के अनुसार )है।
आज भी भारत में आपको किसी भी जगह बिना पढ़े लिखे व्यक्ति और छोटे -२ बच्चे आसानी से मिल जायेंगे। नीचे दर्शाए गए चार्ट में आप भारत के सभी राज्यों की साक्षरता दर देख सकते हैं



हालाकि भारत सरकार समय-२ पर आवश्यक कदम उठाती रही है और इसी का नतीजा है की हमारी साक्षरता दर तेज़ गति से बाद रही है । हालाकि अभी भी इसमें बहुत कुछ किया जाना बाकी है । सन २०१० में भारत सरकार ने प्रस्तावित बजट में रुपये ३१०३६ करोड़ केवल शिक्षा के लिए आवंटित किये गए । इन्ही प्रयासों का प्रभाव है की भारत की ज़मापून्ज़ी कहे जाने वाले युवा वर्ग की साक्षरता दर में काफी प्रगति हुई है। इसे आप नीचे दिए गए चित्र से भलीभांति समझ सकते हैं ।



परन्तु मेरा प्रश्न आज आपसे ये है की क्या यह सिर्फ सरकार की ही ज़िम्मेदारी बनती है की वो ही सबको शिक्षा प्रदान करे। चाहे वो कोई नयी योजना हो या रुपियो का आवंटन। क्या हमारा कोई दायित्व नहीं बनता की हम अपने आस पास दिखाई दे रहे ऐसे गरीब असहाय बच्चो की कुछ थोड़ी सी मदद करें। क्या जब आपके घर में कचरा होता है तो क्या आप उसे साफ़ नहीं करते। ये भारत भी हमारा देश हमारा घर है। ये हमारा दायित्व है के इस घर में पल रही असाक्षरता रुपी कचरे को बाहर निकाल फेंकें।

इसी एक प्रयास के रूप में मैं यहाँ एक अंग्रेजी के समाचार पत्र का उल्लेख करना चाहूँगा जो लगातार इसी तरह के सार्थक प्रयासों में लगा रहता है। जी हाँ आपने सही समझा। मैं यहाँ TIMES OF INDIA की ही बात कर रहा हूँ। उनके एक बेहद बेहतरीन विज्ञापन ने मेरा ध्यान आकर्षित किया जिसे मैं आपके साथ बांटना चाहता हूँ।

यही मेरा एक प्रयास है जिसे मैं चाहता हूँ के ये पूरे भारत में फैले और हम सब प्रण लें की हम भारत से ये असाक्षरता रुपी रावण का वध करेंगे।

क्या आप लेते हैं मेरे साथ प्रण ?



1 comments:

Er. Ankit Kumar Gautam said...

चलो अब करके दिखा दें दुनिया को की हम क्या हैं और क्या कर सकते हैं...............